ग्रंथकार, श्री हरिभद्रसूरीश्वरजी ; टीकाकार, श्री गुणरत्नसूरीश्वरजी ; दिव्यकृपा, रामचन्द्रसूरीश्वरजी, महॊदयसूरीश्वरजी, हेमाभूषणसूरीश्वरजी ; मार्गदर्शन, कीर्तियशसूरीश्वरजी ; संपादक एवं भावानुवादकार, श्री दिव्यकीर्तिविजयजी, श्री पुण्यकीर्तिविजयजी, श्री संयमकीर्ति
सन्मार्ग प्रकाशन , चौखम्बा पब्लीकेशन
2068 [2012]
पू.आ. श्री विजयरामचन्द्रसूरि संस्कृत प्राकृत ग्रन्थमाला
28-29
भाग 1 , भाग 2
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