著者
書誌事項
Prakrit Bharti series
Rajasthan Prakrit Bharati Sansthan
- タイトル別名
-
Prākr̥it Bhārati pushpa
Prakrit Bharati publications
Prakrit Bharati publication
Prākr̥ta Bhārati puṣpa
Prakrit Bharti pushpa
Prakrit Bharati pushpa
Prakrit Bharati puspa
Prakrit Bharati Academy pushp
PBA
प्राकृत भारती पुष्प
प्राकृत भारती अकादमी पुष्प
Prakrit Bharati series
この図書・雑誌をさがす
注記
Other publishers: Prakrit Bharati Academy, Devendra Raj Mehta
-
81
- The concept of divinity in Jainism
-
by Ajay Kothari ; consulting editor, Surendra Bothara
Prakrit Bharti Academy 2000 Prakrit Bharti series 133
所蔵館4館
-
82
- विधि मार्ग प्रपा नाम सुविहित-समाचारी
-
यवन सम्राट महम्मद तुगलक प्रतिबोधक शासन प्रभावक श्रीजिनप्रभसूरि प्रणीत ; प्रधान-सम्पादक: विनयसागर ; प्रथम संस्करण सम्पादक: मुनि जिनविजय
प्राकृत भारती अकादमी , श्री खरतरगच्छ संघ 2000 Reprint Prakrit Bharti series 132
所蔵館2館
-
83
- हमारे तीर्थंकर : चौबीस तीर्थंकरों का संक्षिप्त/सरल परिचय
-
दिशा निर्देशक देवेन्द्र मुनि ; लोखक दिनेश मुनि
प्राकृत भारती अकादमी , श्री तारक गुरु जैन ग्रन्थालय 2000 Prakrit Bharti series 131
所蔵館2館
-
84
- संस्कृति के झरोखे से : साँस्कृतिक निबंध संग्रह
-
बशीर अहमद मयूख
प्राकृत भारती अकादमी 2000 1. संस्करण Prakrit Bharti series 128
所蔵館2館
-
85
- चेतना के आयाम और मूल्यात्मक अनुभूति
-
कमलचन्द सोगाणी ; सम्पादक राजवीरसिंह शेखावत
प्राकृत भारती अकादमी 2000 Prakrit Bharti series 127
所蔵館2館
-
86
- अष्टकप्रकरणम्
-
हरिभद्रसूरि विरचित ; अनुवादक, अशोक कुमार सिंह ; सम्पादक, सागरमल जैन
पार्श्वनाथ विद्यापीठ , प्राकृत भारती अकादमी 2000 1. संस्करण Pārśvanātha Vidyāpīṭha series 102 , Prakrit Bharti series 135
所蔵館4館
-
87
- आगम एवं कर्मसिद्धान्त के आलोक में पुण्य-पाप तत्त्व
-
लेखक कन्हैयालाल लोढा ; भुमिका-लेखक सागरमल जैन ; सम्पादक धर्मचन्द जैन
प्राकृत भारती अकादमी 1999 Prakrit Bharti series 123
所蔵館1館
-
88
- युगप्रधान जिनदत्तशूरि
-
अगरचन्द नाहटा, भँवरलाल नाहटा
प्राकृत भारती अकादमी , बी. जे. नागटा काउन्डेशन 1999 2. संस्करण Prakrit Bharti series 120
所蔵館2館
-
89
- वैराग्यशतक : हिन्दी-अंग्रेजी अनुवाद सहित
-
कवि पद्मानन्द रचित ; प्रधान सम्पादक: म० विनयसागर ; अनुवादिका: ललिता सिंह
प्रकृत भारती अकादमी 1999 1. संस्करण Prakrit Bharti series 111
所蔵館2館
-
90
- प्रवचन-सारोद्धार
-
सिद्धान्तवेत्ता श्री नेमिचन्द्रसूरि प्रणीत ; अनुवादिका: साध्वी हेमप्रभाश्री
प्राकृत भारती अकादमी , श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ 1999-2000 1. संस्करण Prakrit Bharti series 88,
126 1. भाग , 2. भाग
所蔵館3館
-
91
- अमरुकशतक : हिन्दी काव्यान्तर
-
काव्यान्तरकार, रामप्रसाद दाधीच "प्रसाद"
प्राकृत भारती अकादमी 1999 1. संस्करण Prakrit Bharti series 120
所蔵館3館
-
92
- देवता-मूर्ती-प्रकरणम् : हिन्दी अंग्रेजी अनुवाद सहित
-
मण्दन सूत्रधार प्रणीत ; सम्पादक-संशोधक विनयसागर ; हिन्दी अनुवादक भगवान दास जैन ; आंग्ल अनुवादक रीमा हूजा
प्राकृत भारती अकादमी 1999 1. संस्करण Prakrit Bharti series 122
所蔵館2館
-
93
- आचार्यहेमचन्द्रः काव्यानुशासनञ्च समीक्षात्मकमनुशीलनम्
-
छगनलाल शास्त्री
प्राकृत-भारती-अकादमी , स्व. श्री भीखांदावी शास्त्री-प्राच्य-विद्या-निधिः 1999 1. संस्करण Prakrit Bharti series 121
所蔵館3館
-
94
- Best Jain stories : golden lotus at every step & other stories
-
Pushkar Muni Ji ; editors, Devendra Muni Ji, Srichand Surana "Saras" ; English translator, Surendra Bothara
Shri Tarak Guru Jain Granthalaya , Prakrit Bharati Academy 1997 1st ed Prakrit Bharti series 118 , Shri Tarak Guru Jain Granthalaya pushp 375
v. 1
所蔵館3館
-
95
- Gītā-cayanikā
-
sampādaka: Kamalacanda Sogāṇī
Prākr̥ta Bhāratī Akādamī 1997 2. saṃskaraṇa Prakrit Bharti series 45
所蔵館1館
-
96
- Studies in Jainology, Prakrit literature, and languages : a collection of select 51 papers
-
by B.K. Khadabadi
Prakrit Bharati Academy 1997 1st ed Prakrit Bharti series 116
所蔵館3館
-
97
- Jainism in India
-
editor, Ganesh Lalwani
Prakrit Bharati Academy , Parshwanath Vidyapeeth 1997 Prakrit Bharti series 97 , Pārśvanātha Vidyāpīṭha series 90
所蔵館3館
-
98
- पञ्चदशी : जैन कथानकों पर आधारित पन्द्रह एकांकी, नाटक, नृत्य नाटिकायें
-
गणेश ललवानी ; प्रधान सम्पादक विनयसागर ; अनुवादिका राजकुमारी बेगानी
प्राकृत भारती अकादमी , जैन भवन 1996 Prakrit Bharti series 96
所蔵館2館
-
99
- जैन धर्म का यापनीय सम्प्रदाय
-
सागरमल जैन
पार्श्वनाथ विद्यापीठ , प्राकृत भारती अकादमी 1996 Prakrit Bharti series 110 , Pārśvanātha Vidyāpīṭha series 59
所蔵館3館
-
100
- जिन दर्शन चौवीसी : अनानुपूर्वी सहित : जयपुरी चित्रकला के उत्कृष्ट बहुरंगी चित्र
-
प्राकृत भारती अकादमी 1995 Prakrit Bharti series 83
所蔵館2館