समवायांगसूत्र : पंचम गणधर भगवत्सुधर्म-स्वामि-प्रणीत चतुर्थ अंग : मूल पाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, परिशिष्ट युक्त
著者
書誌事項
समवायांगसूत्र : पंचम गणधर भगवत्सुधर्म-स्वामि-प्रणीत चतुर्थ अंग : मूल पाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, परिशिष्ट युक्त
(जिनागम ग्रन्थमाला, ग्रन्थाङ्क 8)
श्री आगमप्रकाशन-समिति, 1982
- タイトル別名
-
समवायंगसुत्तं
Samavāyānga : Fifth Ganadhara Sudharma Swami compiled fourth anga : original text, Hindi version, notes, annotations and appendices etc
समवाय अंग सूत्र : पंचम गणधर भगवत् सुधर्म-स्वामी-प्रणीत चतुर्थ अंग : मूल पाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, परिशिष्ट युक्त
समवायंग सुत्तं
- タイトル読み
-
समवाय अंग सूत्र : पंचम गणधर भगवत् सुधर्म-स्वामी-प्रणीत चतुर्थ अंग : मूल पाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, परिशिष्ट युक्त
Samavāyāṅgasūtra : Pañcama Gaṇadhara Bhagavatsudharma-Svāmi-praṇīta caturtha aṅga : mūla pāṭha, Hindī anuvāda, vivecana, pariśishṭa yukta
大学図書館所蔵 件 / 全5件
-
該当する所蔵館はありません
- すべての絞り込み条件を解除する
この図書・雑誌をさがす
注記
Text in Hindi and Prakrit; introductory matter in Hindi
Added t.p. in English
"Translator & annotator, Hiralalji Shastri"--Added t.p
Publisher on added t.p. in English: Beawar, Raj. : Sri Agam Prakashan Samiti
Summary: Jaina canonical text
Includes bibliographical references and index