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書誌事項
सिंघी जैन ग्रन्थमाला
भारतीय विद्या भवन
- タイトル別名
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सिंघीजैनग्रन्थमाला
Siṅghī-Jaina-granthamālā
Singhi Jain series
Singhi Jaina series
Siṅghījainagranthamālā
- タイトル読み
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सिंघी जैन ग्रन्थ माला
Siṅghī Jaina granthamālā
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注記
At head of title: Siṅghī Jainaśāstra Śikṣāpīṭha
Publisher varies: अहमदाबाद ; कलकत्ता : सिंघी जैन ग्रन्थमाला
Publisher varies: Śāntiniketana, Baṅgāla : Siṅghī Jaina Jñānapīṭha
Publisher varies: Śāntiniketan, Baṅgāl : Siṅghī Jaina Jñānapīṭha
Bambaī : Bhāratīya Vidyā Bhavana
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1
- कौमुदीमित्राणन्दरूपकम्
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रामचन्द्रविरचित ; प्रास्ताविकम्, जयन्तकृष्ण हरिकृष्ण दवे
भारतीय विद्या भवन 1982 1st ed सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थांक 77
所蔵館3館
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2
- रघुविलासनाटकोद्धारः
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रामचन्द्रविरचित ; प्रास्ताविकम्, जयन्तकृष्ण हरिकृष्ण दवे
भारतीय विद्या भवन 1982 1st ed सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थांक 76
所蔵館5館
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3
- रघुविलासनाटकम्
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रामचन्द्रविरचित ; प्रास्ताविकम्, जयन्तकृष्ण हरिकृष्ण दवे
भारतीय विद्या भवन 1982 1st ed सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थांक 75
所蔵館6館
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4
- मूलसर्वास्तिवादीय विनयसूत्र
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गुणप्रभ विरचित ; सविमर्श संपादनकर्ता, राहुल सांकृत्यायन ; प्रास्ताविकम्, जयन्तकृष्ण हरिकृष्ण दवे
भारतीय विद्या भवन 1981 सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थांक 74
所蔵館6館
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5
- मन्त्रराज रहस्यम्
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सिंहतिलकसूरिविरचितँ ; सविमर्श संपादक, जिनविजय मुनि ; प्रस्ताविकम्, जयन्तकृष्ण दवे
भारतीय विद्या भवन 1980 सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थाँक 73
所蔵館4館
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6
- पाठक श्री जयसोम विरचित मन्त्रिकर्मचन्द्र वंशावली प्रबन्ध : वाचनाचार्य-गुणविनयकृत-वृत्तिसहित
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सविमर्श संपादक, जिनविजय मुनि ; प्रस्ताविकम्, जयन्तकृष्ण हरिकृष्ण दवे
भारतीय विद्या भवन 1980 सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थाँक 72
所蔵館4館
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7
- षडावश्यकबालावबोधवृत्ति : चतुर्दशशतकगुजरातीभाषायाः विशेषाध्ययनम् एवं उपयुक्तशब्दसूचीसमन्वितम्
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तरुणप्रभाचार्यकृत ; ग्रन्थसंपादक, प्रबोध बेचरदास पंडित
भारतीय विद्या भवन 1976 1st ed सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थांक 71
所蔵館5館
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8
- Ratnaprbha-sūri's [sic] Kuvalayamālā kathā : (a stylistic digest of the above in Sanskrit)
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critically edited with various readings etc., and also introduction, Dr. Agrawala's cultural note, gāthā index, notes etc. by A.N. Upadhye
Bharatiya Vidya Bhavan 1970 1st ed सिंघी जैन ग्रन्थमाला 46 . Uddyotana-sūri's Kuvalayamālā : (a unique campū in Prākrit) critically edited from rare Mss. material for the first time with various readings etc. ; pt. 2
所蔵館5館
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9
- मरहट्ठ-देसि-भासा-णिबद्धा लीलावई णाम दिव्वमाणुसी पाइय-कहा : सा च अज्ञातनामजैनविद्वद्विरचितसंस्कृतवृत्ति-आंग्लप्रस्तावना-पाठान्तर-शब्दसूची-टिप्पण्यादिभिः समलंकृता
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कोऊहल-विरइया ; आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये संपादिता
भारतीय विद्या भवन 1966 2nd ed सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थांक 31
所蔵館4館
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10
- सुकृतकीर्तिकल्लोलिन्यादि वस्तुपालप्रशस्तिसंग्रह
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उदयप्रभाचार्यादि-अनेक-कविविरचित ; संपादनकर्ता, पुण्यविजय सूरि
सिंघीजैनशात्रशिक्षापीठ, भारतीय विद्या भवन 1961 1. आवृत्ति सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थांक 5
所蔵館3館
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11
- कुवलयमाला-कथा-संक्षेप : दाक्षिण्यचिह्नाङ्क श्रीमदुद्द्योतनसूरिग्रथित प्राकृतभाषामय कुवलयमाला महाकथा वस्तुसारस्वरूप
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रत्नप्रभसूरि-विरचित ; प्राचीनपुस्तकानुसार बहुविधपाठभेदादियुक्त संपादनकर्ता, आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये
सिंघीजैनशास्त्रशिक्षापीठ, भारतीय विद्या भवन 1961 1. आवृत्ति सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थांक 45-अ
1. भाग, [pt. 2]
所蔵館4館
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12
- कीर्तिकौमुदी . सुकृतसंकीर्तन
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सोमेश्वरदेव-विरचित . अरिसिंह ठक्कुर-विरचित ; संपादनकर्ता, पुण्यविजय सूरि
सिंघीजैनशास्त्रशिक्षापीठ, भारतीयविद्याभवन 1961 1. आवृत्ति सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थांक 32
所蔵館6館
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13
- छन्दोऽनुशासन : विविध पाठभेद, प्रस्तावना, विशिष्ट शब्दकोष, परिशिष्टादि समन्वित
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हेमचन्द्रसूरि-विरचित ; संपादनकर्ता, ह.दा. वेलणकर
सिंघीजैनशास्त्रशिक्षापीठ, भारतीयविद्याभवन 1961 1. आवृत्ति सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थाङ्क 49
所蔵館8館
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14
- अनेक-विद्वदालेखित-नानाप्रकार-रचनानिबद्ध विज्ञप्तिलेख संग्रह : मूल लेख संग्रहात्मक
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अनेकप्राचीनहस्तलिखित-आदर्शानुसारेण संपादनकर्ता, जिनविजय मुनि
सिंघीजैनशास्त्रशिक्षापीठ, भारतीय विद्या भवन 1960 1. आवृत्ति सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थांक 51
1. भाग
所蔵館4館
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15
- नम्मयासुन्दरी कहा : प्राकृतभाषा-निबद्धा : देवचन्द्रसूरिकृत संक्षिप्त प्राकृत कथा, जिनप्रभसूरिकृत अपभ्रंशभाषामय नमयासुन्दरी सन्धि, तथा मेरुसुन्दरकृत गूर्जरभाषागद्यमय बालावबोधसमन्वित
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महेन्द्रसूरि-विरचिता ; संपादनकर्त्री, कुमारी प्रतिभा त्रिवेदी
सिंघीजैनशास्त्र शिक्षापीठ, भारतीयविद्या भवन 1960 1. आवृत्ति सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थाङ्क 48
所蔵館5館
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16
- अर्थशास्त्र-अपरनाम-राजसिद्द्धान्त [i.e. राजसिद्धान्त] : मुग्धविलासाङ्क आचार्य योग्घमविरचित नीतिनिर्णीतिनाम्नी व्याख्या समन्वित तथा बहुविध प्राचीन टिप्पनकसंयुक्त : कतिपय त्रुटित अंशमात्र
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कौटल्यकृत ; देवनागरलिपिलिखित-सर्वथा अद्वितीयस्वरूप-प्राचीनतम ताडपत्रीय पुस्तकाधारेण संपादनकर्ता, मुनि जिन विजय ; दामोदर धर्मानन्द कोसंबी लिखित प्रास्ताविक निबन्धयुक्त
सिंघीजैनशास्त्रशिक्षापीठ, भारतीय विद्या भवन 1959 1. आवृत्ति सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थांक 47
所蔵館9館
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17
- नीति-शृङ्गार-वैराग्य नामक भर्तृहरि-शतक-त्रयम् : जैनविद्वद्वर्य्य-पं॰ धनसारगणिकृत-प्राचीनतम-व्याख्यासमन्वितम्
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भर्तृहरि विरचितं ; अनेक आदर्शाधारेण विविधपाठभेदादिसमलङ्कृत्य सम्पादनकर्ता, दामोदर धर्मानन्द कोसंबी
सिंघीजैनशास्त्रशिक्षापीठ भारतीय विद्याभवन 1959 1. आवृत्ति सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थांक 29
所蔵館5館
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18
- कुवलयमाला : प्राकृतभाषानिबद्ध चम्पूस्वरूपा महाकथा
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उद्द्योतनसूरिविरचिता ; परिष्कृत्य च संपादनकर्ता, आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये
सिंघी जैनशास्त्र शिक्षापीठ, भारतीय विद्या भवन 1959 1. आवृत्ति सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थांक 45
1. भाग
所蔵館5館
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19
- मुनिवर-गुणपाल-विरइयं जंबु चरियं : प्राकृतभाषानिबद्ध-जम्बूमुनि चरित
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संपादनकर्ता, जिनविजय मुनि
सिंघी जैनशास्त्र शिक्षापीठ, भारतीय विद्या भवन 1959 1. आवृत्ति सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थांक 44
所蔵館5館
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20
- मालवदेशाधिप-परमारनृपचूडामणि राजाधिराज भोजदेव विरचिता शृङ्गार मञ्जरी कथा
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राजस्थानप्रदेशान्तर्गत-जेसलमेरुदुर्गस्थ प्राचीन जैनज्ञानभाण्डागारोपलब्ध-एकमात्र-त्रुटित-ताडपत्रीयपुस्तकाधारेण संशोध्य, आंग्लभाषामय-लिखित विस्तृतविवेचन-भाषान्तर-विविधपरिशिष्टादिभिः सुपरिष्कृत्य च संपादनकर्त्री, विदुषी कुमारी कल्पलता क॰ मा॰ मुन्शी
सिंघीजैनशास्त्रशिक्षापीठ, भारतीय विद्या भवन 1959 सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थांक 30
所蔵館7館