विविध तीर्थकल्प : भिन्न भिन्न पाठभेद और विशेषनामानुक्रम समन्वित मूल ग्रन्थ; सरल और सारगर्भित हिन्दी भाषान्तर; ऐतिहासिक और भौगोलिक वस्तु विवेचक अनेकानेक टिप्पनियों द्वारा सुविवेचित; तथा सुविस्तृत प्रस्तावना समलङ्कृत

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विविध तीर्थकल्प : भिन्न भिन्न पाठभेद और विशेषनामानुक्रम समन्वित मूल ग्रन्थ; सरल और सारगर्भित हिन्दी भाषान्तर; ऐतिहासिक और भौगोलिक वस्तु विवेचक अनेकानेक टिप्पनियों द्वारा सुविवेचित; तथा सुविस्तृत प्रस्तावना समलङ्कृत

जिनप्रभसूरिविरचित ; सम्पादक, जिन विजय

(सिंघी जैन ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक 10)

सिंघी जैन ज्ञानपीठ, 1934-

1. आवृत्ति

  • 1. भाग

Other Title

Vividha tīrtha kalpa of Jinaprabha Sūri

विविध तीर्थ कल्प : भिन्न भिन्न पाठभेद और विशेषनाम अनुक्रम समन्वित मूल ग्रन्थ; सरल और सारगर्भित हिन्दी भाषान्तर; ऐतिहासिक और भौगोलिक वस्तु विवेचक अनेकानेक टिप्पनियों द्वारा सुविवेचित; तथा सुविस्तृत प्रस्तावना समलङ्कृत

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विविध तीर्थ कल्प : भिन्न भिन्न पाठभेद और विशेषनाम अनुक्रम समन्वित मूल ग्रन्थ; सरल और सारगर्भित हिन्दी भाषान्तर; ऐतिहासिक और भौगोलिक वस्तु विवेचक अनेकानेक टिप्पनियों द्वारा सुविवेचित; तथा सुविस्तृत प्रस्तावना समलङ्कृत

Vividha tīrthakalpa : bhinna bhinna pāṭhabheda aura viśeshanāmānukrama samanvita mūla grantha; sarala aura sāragarbhita Hindī bhāshāntara; aitihāsika aura bhaugolika vastu vivecaka anekāneka ṭippaniyoṃ dvārā suvivecita; tathā suvistr̥ta prastāvanā samalaṅkr̥ta

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Note

Sanskrit & Prakrit; prefatory matter in Hindi

Added t.p. in English

"Critically edited in the original Sanskrit and Prākrit with variants; Hindi translation, notes and elaborate introduction etc. by Jina Vijaya"--Added t.p

Imprint in English: Śāntiniketan, Bengāl : Siṅghī Jaina Jñānapīṭha

Description of different Jaina pilgrimage centers in the Indian subcontinent

Contents: 1. भाग. विविधपाठान्तर-विशेषनामानुक्रमादियुक्त मूलग्रन्थ

Includes bibliographical references and indexes

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