प्रश्नव्याकरण सूत्र (आश्रव और संवर का गंभीर विव्वेचन) : मूल, संस्कृतच्छाया, पदार्थ, मूलार्थ, विस्तृत व्याख्या

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प्रश्नव्याकरण सूत्र (आश्रव और संवर का गंभीर विव्वेचन) : मूल, संस्कृतच्छाया, पदार्थ, मूलार्थ, विस्तृत व्याख्या

व्याख्याकार, हेमचन्द्र ; सम्पादक, अमर मुनि

सन्मति ज्ञानपीठ, 1973

タイトル別名

प्रश्न व्याकरण सूत्र (आश्रव और संवर का गंभीर विव्वेचन) : मूल, संस्कृत छाया, पदार्थ, मूलार्थ, विस्तृत व्याख्या

Praśnavyākaraṇ sūtra (āśrav aur saṃvar kā gambhīr vivecan) : mūl, Saṃskr̥tcchāyā, padārth, mūlārth, vistr̥t vyākhyā

タイトル読み

प्रश्न व्याकरण सूत्र (आश्रव और संवर का गंभीर विव्वेचन) : मूल, संस्कृत छाया, पदार्थ, मूलार्थ, विस्तृत व्याख्या

Praśnavyākaraṇa sūtra (āśrava aura saṃvara kā gambhīra vivecana) : mūla, Saṃskr̥tacchāyā, padārtha, mūlārtha, vistr̥ta vyākhyā

統一タイトル

Jaina Āgama. Aṅga. Paṇhāvāgaraṇa

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注記

Prakrit text with gloss (chāyā) in Sanskrit and Hindi translation and commentary; prefatory matter in Hindi

At head of title: श्रमण भगवान् महावीर की २५ वीं निर्वाण शताब्दी के उपलक्षण में

PUB: Āgarā : Sanmati Jñānapīṭha

Summary: Jaina canonical text

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詳細情報

  • NII書誌ID(NCID)
    BA28697928
  • 出版国コード
    ii
  • タイトル言語コード
    hin
  • 本文言語コード
    hinprasan
  • 原本言語コード
    pra
  • 出版地
    आगरा
  • ページ数/冊数
    39, 16, 891 p., [1] leaf of plates
  • 大きさ
    23 cm
  • 統一タイトルID
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