मुनिवर-गुणपाल-विरइयं जंबु चरियं : प्राकृतभाषानिबद्ध-जम्बूमुनि चरित
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मुनिवर-गुणपाल-विरइयं जंबु चरियं : प्राकृतभाषानिबद्ध-जम्बूमुनि चरित
(सिंघी जैन ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक 44)
सिंघी जैनशास्त्र शिक्षापीठ, भारतीय विद्या भवन, 1959
1. आवृत्ति
- タイトル別名
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Jambu Chariyam : a narrative of the life of Jambūsvāmin, the first patriarch of Jain church, after last Tīrthamkar Mahāvīra
मुनिवर-गुणपाल-विरइयं जंबु चरियं : गुणपालमुनिविरचित-प्राकृतभाषानिबद्ध-जम्बूमुनि चरित
मुनिवर-गुणपाल-विरइयम् जम्बु चरियम् : प्राकृत भाषा निबद्ध-जम्बूमुनि चरित
मुनिवर-गुणपाल-विरइयम् जम्बु चरियम् : गुणपालमुनि विरचित-प्राकृत भाषा निबद्ध-जम्बूमुनि चरित
- タイトル読み
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मुनिवर-गुणपाल-विरइयम् जम्बु चरियम् : प्राकृत भाषा निबद्ध-जम्बूमुनि चरित
Munivara-Guṇapāla-viraiyaṃ Jaṃbu cariyaṃ : Prākr̥tabhāṣānibaddha-Jambūmuni-carita
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注記
In Prakrit; pref. in Hindi
Prakrit and Hindi titles on added t.p
Imprint romanized: Bambaī : Siṅghī Jainaśāstra Śikshāpīṭha, Bhāratīya Vidyā Bhavana
Summary: Life and work of Jambusvāmī, ca. 534-ca. 463 B.C., exponent of Jainism
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