बच्चन रचनावली
著者
書誌事項
बच्चन रचनावली
राजकमल प्रकाशन, 1983
1. संस्करण
- खंड 1
- खंड 2
- खंड 3
- खंड 4
- खंड 5
- खंड 6
- खंड 7
- खंड 8
- खंड 9
- タイトル別名
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Bacchan rachnavali
- タイトル読み
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Baccana racanāvalī
- 統一タイトル
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Works. 1983
大学図書館所蔵 全2件
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khaa 1929.8/8||16||190002650811,
khaa 2929.8/8||16||290002650829, khaa 3929.8/8||16||390002650837, khaa 4929.8/8||16||490002650845, khaa 5929.8/8||16||590002650852, khaa 6929.8/8||16||690002650860, khaa 7929.8/8||16||790002650878, khaa 8929.8/8||16||890002650886, khaa 9929.8/8||16||990002650894 -
खंड 1I2/9I2-8/B118-12/10000250152,
खंड 2I2/9I2-8/B118-12/20000250153, खंड 3I2/9I2-8/B118-12/30000250154, खंड 4I2/9I2-8/B118-12/40000250155, खंड 5I2/9I2-8/B118-12/50000250156, खंड 6I2/9I2-8/B118-12/60000250157, खंड 7I2/9I2-8/B118-12/70000250158, खंड 8I2/9I2-8/B118-12/80000250159, खंड 9I2/9I2-8/B118-12/90000250160
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注記
खंड 1-3. कविता -- खंड 4. अन्य कवियों की रचनाओं के अनुवाद -- खंड 5. शेक्सपियर के नाटकों के अनुवाद -- खंड 6. अलोचनात्मक लेखन -- खंड 7. आत्म-चित्रण -- खंड 8. आत्म-चित्रण, विदेश-प्रवास की डायरी -- खंड 9. कहानियां, साक्षात्कार, वार्ताएँ, पत्र आदि विभिन्न विधाओं की रचनाएँ
Includes indexes
Summary: Complete works of a Hindi literature
収録内容
- खंड 1. मधुशाला (1933-'34)
- मधुबाला (1934-'35)
- मधुकलश (1935-'36)
- निशा निमन्त्रण(1937-'38)
- एकान्त संगीत (1938-'39)
- आकुल अन्तर(1940-'42)
- सतरंगिरी (1942-'44)
- हलाहल (1936-'45)
- बंगाल का काल (1943)
- खादी के फूल (1948)
- सूत की माला (1948)
- खंड 2. प्रण्य पत्रिका
- धार के इधर-उधर
- आरती और अंगारे
- बुद्ध और नाचघर
- त्रिभंगिमा
- चार खेमे चौंसठ खूँटे
- खंड 3. दो चट्टानें
- बहुत दिन बीते
- कटती प्रतिमाओं की आवाज़
- उभरते प्रतिमानों के रूप
- जाल समेटा
- खंड 4. ख़ैयाम की मधुशाला
- जनगीता
- चौंसठ रूसी कविताएँ
- मरकत द्वीप का स्वर / विलियम बटलर की कविताएँ
- नागर गीता
- भाषा अपनी भाव पराये
- खंड 5. मैकबेथ / शेक्सपियर = Macbeth / Shakespeare, William
- ओथेलो / शेक्सपियर = Othello / Shakespeare, William
- हैमलेट / शेक्सपियर = Hamlet / Shakespeare, William
- किंग लियर / शेक्सपियर = King Lear / Shakespeare, William
- खंड 6. कवियों में सौम्य सन्त
- नये-पुराने झरोखे
- टूटी-छूती कड़ियाँ
- खंड 7. कया भूलूँ क्या याद करूँ
- नीड़ का निर्माण फिर
- खंड 8. बसेरे से दूर
- प्रवास की डायरी