झरोखे : जगत और जीवन की कुछ झाँकियाँ
著者
書誌事項
झरोखे : जगत और जीवन की कुछ झाँकियाँ
हिंदी ग्रन्थ रत्नाकर, 1962
3. संस्करण
- タイトル別名
-
Jharokhe : jagat aur jīvan kī kuch jhān̐kiyām̐
Jharokhe
Devatāoṅkā janm
Parde
Do paṇḍit
Do pagle
Tīn qahqahe
Tinkā aur tūfān
Ek śabdakā vikās
Santān
Bahan bhāī
Ūn̐ṭ, cīṇṭī aur pahāṛ
Jot-nagarkī javānī
Panghaṭ par
Supne
Merī hār
- タイトル読み
-
Jharokhe : jagata aura jīvana kī kucha jhān̐kiyām̐
大学図書館所蔵 件 / 全2件
-
該当する所蔵館はありません
- すべての絞り込み条件を解除する
この図書・雑誌をさがす
注記
Short essays
In Hindi
PUB: Bambaī : Hindī Grantha Ratnākara
収録内容
- देवताओंका जन्म
- परदे
- दो पंडित
- दो पगले
- तीन क़हक़हे
- तिनका और तूफ़ान
- एक शब्दका विकास
- मेरी बड़ाई
- सन्तान
- बहन भाई
- ऊँट, चींटी और पहाड़
- जोत-नगरकी जवानी
- पनघट पर
- सुपने
- मेरी हार
- मेरी जीत
- मनचला
- आज और कल
- कबीरकी पहचान
- कालिदास
- जब मैं बच्चा था
- जब मैं जवान हुआ
- जब मैं बुड्ढा हुआ
- चोर
- गुलाम
- तिवारी का तोता
- सचकी मौत
- मज़दूर
- धर्मोपदेशक
- आकाशका बेटा
- दुनियादार
- राजा
- मेरे तीन जन्म
- अहंकार
- चार कलाकार
- झूठ और सभ्यता
- साए
- मुर्दोंकी दुनिया
- दीवार
- हत्यारा
- जब सच रोता है
- नेता
- रुपयेका राज्य
- सीधे पथका पथिक
- दुनियाके दो दुश्मन
- ममताकी आँख
- ग़रीबी
- आगने कहा