पउमचरिउ : अपभ्रंशभाषाग्रथित पौराणिक महाकाव्य : विविध पाठभेद, विस्तृत प्रस्तावना, विशिष्ट शब्दकोष, परिशिष्टादि समन्वित
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पउमचरिउ : अपभ्रंशभाषाग्रथित पौराणिक महाकाव्य : विविध पाठभेद, विस्तृत प्रस्तावना, विशिष्ट शब्दकोष, परिशिष्टादि समन्वित
(सिंघी जैन ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक 34-36)
सिंघी जैनशास्त्र शिक्षापीठ, भारतीय विद्या भवन, 1953-1960
1. आवृत्ति
- 1. भाग
- 2. भाग
- 3. भाग
- Other Title
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कविराज-स्वयंभूदेव-विरचित पउमचरिउ : अपभ्रंशभाषाग्रथित महाकाव्यात्मक जैन रामायण
Paumacariu of Kavirāja Svayambhūdeva : a pre-tenth century Purāṇic epic in Apabhraṁśa
Paumacariu of Kavirāja Svayambhūdeva : a pre-tenth century Jainistic Rāma-epic in Apabhraṁśa
पउमचरिउ : अपभ्रंशभाषाग्रथित महाकाव्यात्मक जैन रामायण : विविध विस्तृत पाठभेद, प्रस्तावना, विशिष्ट शब्दकोष, परिशिष्टादि समन्वित
कवि राज-स्वयंभू देव-विरचित पउम चरिउ : अपभ्रंश भाषा ग्रथित महा काव्यात्मक जैन रामायण
पउम चरिउ : अपभ्रंश भाषा ग्रथित पौराणिक महा काव्य : विविध पाठभेद, विस्तृत प्रस्तावना, विशिष्ट शब्दकोष, परिशिष्ट आदि समन्वित
पउम चरिउ : अपभ्रंश भाषा ग्रथित महा काव्यात्मक जैन रामायण : विविध विस्तृत पाठभेद, प्रस्तावना, विशिष्ट शब्दकोष, परिशिष्ट आदि समन्वित
पद्मचरित
- Title Transcription
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पउम चरिउ : अपभ्रंश भाषा ग्रथित पौराणिक महा काव्य : विविध पाठभेद, विस्तृत प्रस्तावना, विशिष्ट शब्दकोष, परिशिष्ट आदि समन्वित
Paumacariu : Apabhraṃśabhāṣāgrathita paurāṇika mahākāvya : vividha pāṭhabheda, vistr̥ta prastāvanā, viśiṣṭa śabdakoṣa, pariśiṣṭādi samanvita
Available at 8 libraries
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1. भागS||15||(34)1834713,
2. भागS||15||(35)1834713A, 3. भागS||15||(36)1834713B -
1. भाग129.751/SV/10000012997,
2. भाग129.751/SV/20000012998, 3. भाग129.751/SV/30000012999 -
Tokyo University of Foreign Studies LibraryAA
1. भाग7.1/G/Sv1/11000017980,
2. भाग7.1/G/Sv1/21000017981, 3. भाग7.1/G/Sv1/31000017982 -
Faculty of Letters Library, University of Tokyo印哲
1. भागIV:16654802595209,
2. भागIV:16664802595225, 3. भागIV:16674802595233 -
Faculty of Letters Library, University of Tokyo印文
1. भाग3号館ソウショJ:51904800843387,
2. भाग3号館ソウショJ:51914800843395, 3. भाग3号館ソウショJ:51924800843403
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Note
In Apabhraṃśa and English
Added t.p. in English
"Critically edited for the first time with an elaborate introduction, index verborum and appendices by Harivallabh C. Bhayani"--Added t.p
PUB: Bombay : Bharatiya Vidya Bhavan
Summary: Classical Jaina version of myth of Rāma (Hindu deity)
Contents: 1. भाग. विद्याधरकाण्ड = Vidyādharakāṇḍa -- 2. भाग. अयोध्याकाण्ड एवं सुन्दरकाण्ड = Ayodhyākāṇḍa evaṃ Sundarakāṇḍa -- 3. भाग. युद्ध काण्ड एवं उत्तर काण्ड = Yuddha kāṇḍa evaṃ Uttara kāṇḍa
Includes indices