रसराज : जिसमें नायिकाभेद दोहे और कवित्त आदि सुललित छन्दों में वर्णित हैं

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रसराज : जिसमें नायिकाभेद दोहे और कवित्त आदि सुललित छन्दों में वर्णित हैं

मतिराम

[s.n.], [19--]

タイトル別名

Rasraj

タイトル読み

Rasarāja : jisameṃ nāyikābheda dohe aura kavitta ādi sulalita chandoṃ meṃ varṇita haiṃ

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注記

In Braj

Cover title

Bound up 3 vols. into 1 vol.; Originally published: लखनऊ : मुंशी नवलकिशोर , 1902-1912

収録内容

  • छन्दोर्णवपिङ्गल : जिसमें मात्रावृत्त, वर्णवृत्त, मेरु, मर्कटी, पताका और प्रतिछन्द लघु, गुरु, गणस्थापनरीति और अतिरमणीयछन्दों के उदाहरण हिन्दी भाषा कवित्व रसिकों के उपकारार्थ अतिसुगमता से वर्णित हैं / भिषारीदासकृत
  • रसिकप्रिया सटीक : जिसमें शृङ्गाररसान्तर्ग्गत नवोढ़ा, स्वकीया, परकीया, मुग्धा, पौढ़ा, क्रियाविदग्धा, वाग्वदग्धादि नायक नायिकाभेद व भाव विभावनालङ्काररूपक वाक्य लक्षण क्रिया गुप्तचित्त चातुर्य्योदार्यता व रति विपरीतादि हास विलास अत्यन्त रोचक व ललित कवित्त सवैयादि में वर्णित है / केशवदास निर्मित किया ; ईश्वरीप्रसाद नारायणसिंह तिलक किया

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