जैन पाण्डुलियाँ एवं शिलालेख : एक परिशीलन : प्राचीन ज्ञान-विज्ञान की अमूल्य धरोहर
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जैन पाण्डुलियाँ एवं शिलालेख : एक परिशीलन : प्राचीन ज्ञान-विज्ञान की अमूल्य धरोहर
सिद्धान्ताचार्य पं. फूलचन्द्र शा्त्री फाउण्डेशन् , श्री गणेश वर्णी दिगम्बर जैन संस्थान नरिया, 2007
1. संस्करण
- タイトル別名
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Jaina manuscripts and inscriptions : an overview : Invaluable national treasure of ancient knowledge
- タイトル読み
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Jain pāṇḍulipiyām̐ evaṃ śilālekh : eka pariśīlan : Prācīna jñāna-vijñāna kī amūlyaǎdharohar
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注記
Includes passages in Prakrit
"सिद्धान्ताचार्य पं. फूलजन्द्र शास्त्री शताब्दी समारोह वर्ष के उपलक्ष्य में प्रदत्त दो स्मारक -- व्याख्यानों के माध्यम से पाण्डुलिपियों की आवश्यकता, उनके उद्भव और विकास, प्रारम्भिक लेखनोपकरण-सामग्नी, पाण्डुलिपि-प्रकार, लिपि-भेद, भारतीय इतिहास के निर्माण में जैन-शिलालेखों, ग्रंथ-प्रशस्तियों एवं पुष्पिकाओं के योगदना, विदेशों में सुरक्षित लक्षाधिक भारतीय पाण्डुलिपियाँ, फारसी-भाषा एवं लिपि में उपलब्ध जैन पाण्डुलिपियाँ आदि-आदि पर प्रथम बार प्रस्तुत प्रेक-रोचक समाग्री''
"छठी सि. पं. फूलचन्द्र शास्त्रि व्याख्यानमाला"--Cover
Summary: Study on Manusciptology and Jaina literaure in manuscripts and inscriptions
Includes bibliographical references (p. 104-107) and index