खरतरगच्छ प्रतिष्ठा लेख संग्रह : १२वीं शती से लेकर २०वीं शती तक खरतरगच्छाचार्यों द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमा लेखों का संग्रह

書誌事項

खरतरगच्छ प्रतिष्ठा लेख संग्रह : १२वीं शती से लेकर २०वीं शती तक खरतरगच्छाचार्यों द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमा लेखों का संग्रह

लेखक-सम्पादक महोपाध्याय विनयागर

(Prakrit Bharti series, 182)(मणि पुष्प, 5)

प्राकृत भारती अकादमी : एम० एस० पी० एस० जी० चेरिटेबल ट्रस्ट , श्री जिनकान्तिसागरसूरि स्मारक ट्रस्ट, 2005

タイトル別名

Kharataragaccha Pratisthitha Lekh Sangraha

タイトル読み

खरतर गच्छ प्रतिष्ठा लेख संग्रह : १२ वीं शती से लेकर २० वीं शती तक खरतरगच्छाचार्यों द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमा लेखों का संग्रह

Kharataragaccha pratiṣṭhā lekha saṅgraha : 12vīṃ śatī se lekara 20vīṃ śatī taka kharataragacchācāryoṃ dvārā pratiṣṭhita pratimā lekhoṃ kā saṅgraha

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  • मणि पुष्प

    प्राकृत भारती अकादमी : एम० एस० पी० एस० जी०चेरिटेबल ट्रस्ट , श्री जिनकान्तिसागरसूरि स्मारक ट्रस्ट

  • Prakrit Bharti series

    Rajasthan Prakrit Bharati Sansthan

詳細情報

  • NII書誌ID(NCID)
    BA86701862
  • 出版国コード
    ii
  • タイトル言語コード
    hin
  • 本文言語コード
    hin
  • 出版地
    जयपुर,माण्डवला
  • ページ数/冊数
    xxxii, 543 p., [20] p. of plates
  • 大きさ
    25 cm
  • 親書誌ID
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