क्षेत्र ; स्पर्शन ; कालानुगमाः : हिन्दी भाषानुवाद-तुलनात्मक टिप्पण-प्रस्तावनानेकपरिशिष्टैः सम्पादिताः
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क्षेत्र ; स्पर्शन ; कालानुगमाः : हिन्दी भाषानुवाद-तुलनात्मक टिप्पण-प्रस्तावनानेकपरिशिष्टैः सम्पादिताः
(जीवराज जैन ग्रंथमाला, धवला-पुष्प 4 . षट्खंडागमः : वीरसेनाचार्य-विरचित-धवलाटीका-समन्वितः / पुष्पदन्त-भूतबलिप्रणीतः||षट् खंड आगमः : वीरसेन आचार्य विरचित धवला टीका समन्वितः||Ṣaṭkhaṇḍāgamaḥ : Vīrasenācārya viracita Dhavalā ṭīkā samanvitaḥ ; खंड 1 . जीवस्थान||जीव स्थान||Jīvasthāna ; भाग 3-5)
जैन संस्कृति संरक्षक संघ, 1996
संशोधित 3. आवृत्ति
- Other Title
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Kshetra ; Sparshana ; Kalanugama
क्षेत्र ; स्पर्शन ; काला अनुगमाः : हिन्दी भाषा अनुवाद-तुलनात्मक टिप्पण-प्रस्तावना अनेक परिशिष्टैः सम्पादिताः
षट् खंड आगमः : वीरसेन आचार्य विरचित धवला टीका समन्वितः
The Shatkhandagama of Pushpadanta and Bhootabali with the commentary Dhavala of Veerasena
Jeevasthana
धवला पुस्तक
- Title Transcription
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क्षेत्र ; स्पर्शन ; काला अनुगमाः : हिन्दी भाषा अनुवाद-तुलनात्मक टिप्पण-प्रस्तावना अनेक परिशिष्टैः सम्पादिताः
Kṣetra ; Sparśana ; Kālānugamāḥ : Hindī bhāṣānuvāda-tulanātmaka ṭippaṇa-prastāvanānekapariśishṭaiḥ sampāditāḥ
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Note
Text in Prakrit and Hindi; introductory matters in Hindi and English
Added t.p. in English
On added t.p.: by Hiralal Jain ; assisted by Phoolachandra Siddhanta Shastri, Balachandra Siddhanta Shastri
Publisher on added t.p. in English: Solapur : Jain Samskriti Samrakshak Sangha
"पुस्तक ४"
Some copies have defferent pagenation: 4, 24, 28, 51, 2, 8, 488, 40 p.
Includes indexes and table of errata