रेणु से भेंट : फणीश्वरनाथ रेणु से भेंटवार्त्तओं का संकलन
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रेणु से भेंट : फणीश्वरनाथ रेणु से भेंटवार्त्तओं का संकलन
वाणी प्रकाशन, 1987
1. संस्करण
- タイトル別名
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Milie Phaṇīśvarnāth Reṇu aur unke paridr̥śya se
Bīmāroṃ ke deś meṃ--
Ṭūṭtā viśvās
Deś kī vāstavik tākat majdūr aur kisān
Dukh-sukh meṃ sājhedārī ke lie
Bāt bolegī, maiṃ nahīṃ
"Sāhityik kathāem̐ philmī caukhṭe meṃ"
Kyoṃ? aur kyoṃ nahīṃ?
"Mujhe is bār chātroṃ kā svarūp badlā huā lagā"
Sthitiyoṃ ke sāmne sar jhukānā pasand nahīṃ
Êkhên sakler dr̥shṭi--!
Sabār ūpare mānush satya
Cheṛo na merī julpheṃ, sab log khyā kaheṅge!
Āpātkāl meṃ Reṇu : kuch manaḥsthitiyām̐
- タイトル読み
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Reṇu se bheṇṭa : Phaṇīśvaranātha Reṇu se bheṇṭavārttāoṃ kā saṅkalana
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注記
In Hindi
PUB: Naī Dillī : Vāṇī Prakāśana
Summary: Transcript of interviews with Phaṇīśvaranātha Reṇu, Hindi writer, about his life and career as a writer
収録内容
- रेणु की कहानी / भारत यायावर
- मिलिए फणीश्वरनाथ रेणु और उनके परिदृश्य से / सुवास कुमार
- बीमारों के देश में-- / रॉबिन शॉ पुष्प
- टूटता विश्वास / रघुवीर सहाय
- देश की वास्तविक ताकत मजदूर और किसान / मधुकर सिंह
- दुख-सुख में साझेदारी के लिए / जुगनू शारदेय
- बात बोलेगी, मैं नहीं-- / भूपेन्द्र अबोध
- रेणु का आत्म-साक्ष्य / लोठार लुट्से
- "साहित्यिक कथाएँ फिल्मी चौखटे में" / जुगनू शारदेय
- क्यों? और कयों नहीं? / रेणु द्वारा दिए गये पत्रोत्तर
- "मुझे इस बार छात्रों का स्वरूप बदला हुआ लगा" / सूर्यनारायण चौधरी
- स्थितियों के सामने सर झुकाना पसन्द नहीं / यादवेन्द्र पांडेय
- ऍखॅन सकलेर दृष्टि--! / समीर राय चौधरी
- सबार ऊपरे मानुष सत्य / विश्वनाथ
- छेड़ो न मेरी जुल्फें, सब लोग क्या कहेंगे! / गीता पुष्प शॉ
- आपातकाल में रेणु : कुछ मनःस्थितियाँ / विजय अग्रवाल