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चरक-संहिता

महामुनिना भगवताग्निवेशेन प्रणीता, महर्षिचरकेण दृढ़बलेन च प्रतिसंस्कृता ; श्रीमच्चक्रपाणिदत्तप्रणीतया आयुर्वेददीपिकाख्यटीकया, श्रीगङ्गाधरकविरत्न कविराजविरचितया जल्पकल्पतरुसमाख्यया टीकया च समलङ्कृता ; नरेन्द्रनाथ सेनगुप्तेन, बलाइचन्द्र सेनगुप्तेन च सम्पादिता संशोधिता प्रकाशिता च

(Kashi ayurveda series, 1)

चौखम्भा पब्लिशर्स, 2002

2. संस्करण

  • 1. खण्डः
  • 2. खण्डः
  • 3. खण्डः
  • 4. खण्डः
  • 5. खण्डः

タイトル読み

चरक संहिता

Caraka-saṃhitā

  • 東京外国語大学 附属図書館

    1. खण्डःI6/490/624653/10000624653, 2. खण्डःI6/490/624653/20000624654, 3. खण्डःI6/490/624653/30000624655, 4. खण्डःI6/490/624653/40000624656, 5. खण्डःI6/490/624653/50000624657

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注記

In Sanskrit

Added t.p. in English

Summary: Classical treatise with commentaries on Ayurvedic System of Indic medicine

"by the great sage Bhagavata Agniveśa thoroughly revised by Mharṣi Caraka and Dṛdhavala with 'Āyurvedadīpikā' commentaries of śrīmat Cakrapāṇidatta and 'Jalpakalpataru' explanatory notes and annotations of mahamahopādhyāya śrī Gañgādhar Kaviratna Kavirāja"--Added t. p.

1. खण्डः: सूत्रस्थानम् : सूत्रस्थान १ से १२ अध्याय -- 2. खण्डः: सूत्रस्थानम् : सूत्रस्थान १३ से ३० अध्याय समाप्तम् -- 3. खण्डः: निदान-विमान-शारीर-इन्द्रियाभिधान-स्थानचतुष्टयसमन्वितः -- 4. खण्डः: चिकित्सित-कल्प-सिद्धिनामकस्थानत्रयसमन्वितः : चिकित्सास्थान १ से १८ अध्याय -- 5. खण्डः: चिकित्सित-कल्प-सिद्धिनामकस्थान : चिकित्सास्थान १ से १८ अध्याय, कल्प-सिद्धिनामकस्थान समाप्तम्

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