अथ सूरसागर रत्न, अर्थात्, सूरसागर का सार, जिसे बहुत श्रम से श्री गोसाई रघुनाथ दास जी ने अछे २ चलित पद सूरसागर से चुनके इस पुस्तक में प्रज्वलित किया

著者

書誌事項

अथ सूरसागर रत्न, अर्थात्, सूरसागर का सार, जिसे बहुत श्रम से श्री गोसाई रघुनाथ दास जी ने अछे २ चलित पद सूरसागर से चुनके इस पुस्तक में प्रज्वलित किया

Printed at The Benares Light Press, 1864

タイトル読み

Atha Sūrasāgara ratna, arthāt, Sūrasāgara kā sāra, jise bahuta śrama se Śrī Gosāī Raghunātha Dāsa jī ne ache 2 calita pada Sūrasāgara se cunake isa pustaka meṃ prajvalita kiyā

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注記

In Braj

Compiled by Raghunātha Dāsa

Summary: A Selection of Verses from the Sūrasāgara

詳細情報

  • NII書誌ID(NCID)
    BA91637015
  • 出版国コード
    ii
  • タイトル言語コード
    bra
  • 本文言語コード
    bra
  • 出版地
    Benares
  • ページ数/冊数
    274 p.
  • 大きさ
    25 cm
  • 分類
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