बंगला-साहित्य में राजस्थान : १९वीं सदी के नवजागरण के परिप्रेक्ष्य में टॉड के राजास्थान [i.e. राजस्थान] का बंगला, हिन्दी तथा राजस्थानी पर प्रभाव

書誌事項

बंगला-साहित्य में राजस्थान : १९वीं सदी के नवजागरण के परिप्रेक्ष्य में टॉड के राजास्थान [i.e. राजस्थान] का बंगला, हिन्दी तथा राजस्थानी पर प्रभाव

लेखक, शिवकुमार

साहित्य-निकेतन, 1989-1991

1. संस्करण

  • 1. खण्ड
  • 2. खण्ड

タイトル別名

Bangla-sahitya mein Rajasthan

१९वीं शताब्दी के पुनर्जागरण का बंगला-साहित्य के परिप्रेक्ष में हिन्दी साहित्य पर प्रभाव

बंगला-साहित्य में राजस्थान : १९वीं सदी के नवजागरण के परिप्रेक्ष्य में टॉड के "राजस्थान" का बंगला, हिन्दी तथा राजस्थानी साहित्य पर प्रभाव

タイトル読み

Baṅgalā-sāhitya meṃ Rājasthāna : 19vīṃ sadī ke navajāgaraṇa ke pariprekshya meṃ Ṭôḍa ke Rājāsthāna [i.e. Rājasthāna] kā Baṅgalā, Hindī tathā Rājasthānī para prabhāva

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注記

In Hindi includes passages in English, Rajasthani and Sanskrit

"Bangla-sahitya mein Rajasthan"--T.p. verso

Title on v. 2: बंगला-साहित्य में राजस्थान : १९वीं सदी के नवजागरण के परिप्रेक्ष्य में टॉड के "राजस्थान" का बंगला, हिन्दी तथा राजस्थानी साहित्य पर प्रभाव

Vol. 1 originally presented as the author's thesis in 1968 (Ph. D.--Kolkata) under the title: १९वीं शताब्दी के पुनर्जागरण का बंगला-साहित्य के परिप्रेक्ष में हिन्दी साहित्य पर प्रभाव

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