श्री अभिधानराजेन्द्र: : सकल आगमों के समस्त संकलित शब्दों का ससंदर्भ ज्ञानमय कोष अर्थात् जिनागम कुञ्जी
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श्री अभिधानराजेन्द्र: : सकल आगमों के समस्त संकलित शब्दों का ससंदर्भ ज्ञानमय कोष अर्थात् जिनागम कुञ्जी
श्री राजेन्द्रसूरि शताब्दि शोध संस्थान, 2014
3. संस्करण / प्रकाशन के प्रेरणादाता विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी
- 1. भागः
- 2. भागः
- 3. भागः
- 4. भागः
- 5. भागः
- 6. भागः
- 7. भागः
- タイトル別名
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श्रीअभिधानराजेन्द्रः
- タイトル読み
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श्री अभिधान राजेन्द्र: : सकल आगमों के समस्त संकलित शब्दों का ससंदर्भ ज्ञानमय कोष अर्थात् जिनागम कुञ्जी
Śrī Abhidhānarājendraḥ : sakala āgamoṃ ke samasta saṃkalita śabdoṃ kā sasandarbha jñānamaya koṣa arthāt jināgama kuñjī
大学図書館所蔵 件 / 全1件
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1. भागःE||925||(1)200039360561,
2. भागःE||925||(2)200039360570, 3. भागःE||925||(3)200039360589, 4. भागःE||925||(4)200039360598, 5. भागःE||925||(5)200039360606, 6. भागःE||925||(6)200039360615, 7. भागःE||925||(7)200039360624 -
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注記
Includes bibliographical references
Contents: 1. भागः. 'अ' से 'अहोहिय' -- 2. भागः. 'आ' से 'ऊहापत्रत' -- 3. भागः. 'ए' से 'छोह' -- 4. भागः. 'ज' से 'नोमालिया' -- 5. भागः. 'प' से 'भोल' -- 6. भागः. 'म' से 'व्रासु' -- 7. भागः. 'श' से 'ह्व'