ID:DA03170095
भारवि
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व्याख्याकार, समीर शर्मा
चौखम्बा विद्याभवन 1968 विद्याभवन संस्कृत ग्रन्थमाला 146
1. सर्ग
所蔵館1館
महाकविश्रीभारविप्रणीतम्
मोतीलाल बनारसीदास 1967-
[1-3 सर्गौ] , [3 यः सर्गः]
M.R. Kale
Motilal Banarsidass 1966 4th rev. and enl. ed
: cloth
by Moreshwar Ramchandra Kale ; revised and enlarged with Hindi translation [by Jaipal Vidyalankar]
Motilal Banarsidass 1966 4th ed
所蔵館3館
by Moreshwar Ramchandra Kale ; revised and enlarged with Hindi translation
Motilal Banarsidass 1966 1st ed
所蔵館2館
भारवि ; अनुवादक, गोविन्द शर्मा 'विमल'
रायल नेपाल एकेडमी 2020 [1963] 1. संस्करण
व्यख्याकारः श्री उमेशचन्द्र पाण्डेय
चौखम्बा विद्याभवन 1962 विद्याभवन संस्कृत ग्रन्थमाला 86
भारविप्रणीतं ; शोभितमिश्रेण सम्पादितम्
चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस 1961 4. संस्करण हरिदास-संस्कृत-ग्रन्थमाला 105
भारविविरचितं
चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस 1960 काशी संस्कृत ग्रन्थमाला 74 . काव्यविभागे||काव्य विभागे||Kāvyavibhāge ; 10. पुषपम्
所蔵館4館
चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस 1957 काशी संस्कृत ग्रन्थमाला 74 . काव्यविभागे||काव्य विभागे||Kāvyavibhāge ; 10. पुषपम्
Bhāravi ; anuvādaka Indra Vidyāvācaspati
Rājapāla eṇḍa sanza 1957 2. saṃskaraṇa
भारविविरचितं ; नारायण राम अ आचार्य "काव्यतीर्थ" इत्येतैः परिशिष्टादिभिः समलंकृत्य परिष्कृतम्
In-house reproduction 4. संस्करणम्
Mahākaviśrībhāraviviracitam ; mahopādhyāyakolācalamallināthasūripraṇītayā ghaṇṭāpathavyakhyayā pāṭhāntara-pariśiṣṭa-viṣayānukrama-ślokānnu-kramakośādibhiś ca sanāthīkṛtam
Nirṇayasāgara-mudraṇālayam 1954 14 saṃskaraṇa. [Private reproduction]
शोभितमिश्रेण सम्पादितम्
चौखम्बा-संस्कृत-पुस्तकालय 1952 हरिदास-संस्कृत-ग्रन्थमाला 105
भारवि ; अनुवादक, मुक्तिनाथ तिमिसिना
ने॰ भ॰ प्र॰ समिति 2002 [1945] 1. पटक
महाकविश्रीभारविप्रणीतं ; व्रजलालसूनुना दुर्गाप्रसादेन, परबोपाह्वेन पाण्डुरङ्गतनूभुवा काशीनाथशर्मणा च संपादितम्
पाण्डुरङ्ग जावजी 1933 12. संस्करणम् / पणशीकरोपाह्वविद्वद्वरलक्ष्मणशर्मतनुजजुषा वासुदेवशर्मणा संस्कृतम्
भाण्डार्युपाह्वेन माधवशास्त्रिणा संकलितः
सुन्दरलाल जैन, पञ्जाब संस्कृत पुस्तकालय 1929
लक्ष्मीवेंकटेश्वर शकाब्दाः 1846 [1924]
edited by Durgāprasad and Kāśīnātha Pāṇḍuraṅga Parab
"Nirnaya-Sagar" Press 1922 9th ed
त. गणपतिशास्त्रिणा संशोधितम्
महामहिमश्रीमूलकरामवर्मकुलशेखरमहाराजशासनेन प्रकाशितम् 1918 अनन्तशयनसंस्कृतग्रन्थावलिः ग्रन्थाङ्कः 63
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