ID:DA02376313
Vinaya Sagar
Sagar, Vinaya
Jain, Vinayasagar
Vinayasagar Jain
Jaina, Vinayasāgara
Vinayasāgara Jaina
Vinayasāgara, Mahopādhyāya
Mahopādhyāya Vinayasāgara
Vinaya Sagar, Mahopadhyaya
विनयसागर, महोपाध्याय
विनयसागर, म.
Vinayasāgara, Ma.
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लेखन-सम्पादन विनयसागर
प्राकृत भारती अकादमी 2005 Prakrit Bharti series 184
प्रथम
Available at 1 libraries
श्रीजिवल्लभसूरी-प्रणीतं ; सम्पादकः वाचस्पति म० विनयसागर
प्रकृत भारती अकादमी : एम. एस. पी. एस. जी. चेरिटेबिल ट्रस्ट , श्री सिद्धि-भुवन-मनोहर जैन ट्रस्ट , श्री जैन आत्मानन्द सभा 2005 Prakrit Bharti series 181 , मणि पुष्प 6
लेखक महोपाध्याय विनयागर ; संयोजन भँवरलाल नाहटा
प्राकृत भारती अकादमी 2005 2. संस्करण Prakrit Bharti series 161 , मणि पुष्प 3
लेखक-सम्पादक महोपाध्याय विनयागर
प्राकृत भारती अकादमी : एम० एस० पी० एस० जी० चेरिटेबल ट्रस्ट , श्री जिनकान्तिसागरसूरि स्मारक ट्रस्ट 2005 Prakrit Bharti series 182 , मणि पुष्प 5
आशीर्वचनः, आगमज्ञ मुनिराज जम्बूविजियजी ; सम्पादकः, विनयसागर
प्राकृत भारती अकादमी 2004 Prakrit Bharti series 171 , मणि पुष्प 4
Available at 2 libraries
मुनि जम्बूविजय ; अनुवादक, म॰ विनयसागर
प्राकृत भारती अकादमी 2003 Prakrit Bharti series 159
सङ्कलक एवं सम्पादक: साहित्यवाचस्पति म. विनयसागर
प्राकृत भारती अकादमी : एम. एस. पी. एस. जी. चेरिटेबल ट्रस्ट 2003 Prakrit Bharti series 151 , मणि पुष्प 2
2. भाग
लेखक, म. विनयसागर
प्राकृत भारती अकातमी : एम. एस. पी. एस. जी. चेरिटेबल ट्रस्ट 2003 मणि पुष्प 1 , Prakrit Bharti series 155
अनुवादक एवं सम्पादक विनयसागर
प्राकृत भारती अकादमी , श्री जैन श्वे॰ नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ 2002 1. संस्करण Prakrit Bharti series 148
प्राकृत भारती अकादमी , श्री नवजीवन मूर्तिपूजक जैन संघ 2002 Prakrit Bharti series 148
हरिभद्रसूरि प्रणीत ; हिन्दी अनुवाद एवं सम्पादन, विनयसागर ; अंग्रेजी अनुवाद, सुरेन्द्र बोथरा ; भूमिका, सागरमल जैन
प्राकृत भारती अकादमी , पार्श्वनाथ विद्यापीठ 2001 Pārśvanātha Vidyāpīṭha series 132 , Prakrit Bharti series 134
Available at 3 libraries
जिनपालोपाध्यायादि-सङ्कलित ; प्रथम संस्करण सम्पादक, पुरातत्त्वाचार्य मुनि जिनविजय ; संशोधक एवं पुनर्सम्पादक, साहित्यवाचस्पति महोपाध्याय विनयसागर . क्षमाकल्याणोपाध्यादि-सङ्कलित ; प्रथम संस्करण सम्पादक, पुरातत्त्वाचार्य मुनि जिनविजय ; संशोधक एवं पुनर्सम्पादक, साहित्यवाचस्पति महोपाध्याय विनयसागर
प्राकृत भारती अकादमी , श्री जैन श्वे॰ खरतरगच्छ संघ 2000 Prakrit Bharti series 129-130
यवन सम्राट महम्मद तुगलक प्रतिबोधक शासन प्रभावक श्रीजिनप्रभसूरि प्रणीत ; प्रधान-सम्पादक: विनयसागर ; प्रथम संस्करण सम्पादक: मुनि जिनविजय
प्राकृत भारती अकादमी , श्री खरतरगच्छ संघ 2000 Reprint Prakrit Bharti series 132
दिशा-निर्देश महोपाध्याय ललितप्रभसागर ; सम्पादन नगेन्द्र
प्राकृत भारती अकादमी 1999
कवि पद्मानन्द रचित ; प्रधान सम्पादक: म० विनयसागर ; अनुवादिका: ललिता सिंह
प्रकृत भारती अकादमी 1999 1. संस्करण Prakrit Bharti series 111
मण्दन सूत्रधार प्रणीत ; सम्पादक-संशोधक विनयसागर ; हिन्दी अनुवादक भगवान दास जैन ; आंग्ल अनुवादक रीमा हूजा
प्राकृत भारती अकादमी 1999 1. संस्करण Prakrit Bharti series 122
देववाचकविरचितम् ; मलयागिरिरचित-वृत्त्युपरि श्री जिनचारित्रसूरिबृंहित-प्रभाव्याख्योपेतम् ; सम्पादक, महोपाध्याय विनयसागर
राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान 1997 1. संस्करण राजस्थान पुरातन ग्रन्थमाला ग्रन्थाङ्क 184
गणेश ललवानी ; प्रधान सम्पादक विनयसागर ; अनुवादिका राजकुमारी बेगानी
प्राकृत भारती अकादमी , जैन भवन 1996 Prakrit Bharti series 96
सम्पादक महोपाध्याय विनयसागर
प्राकृत भारती अकादमी , कान्ति प्रकाशन , जितयशास्त्री फाउंडेशन , श्रीमति उगमकुंवर सिंघवी : हरखचन्द नाहटा 1993 1. संस्करण Prakrit Bharti series 82
लेखक देवेन्द्र मुनिजि ; के सुशिष्य राजेन्द्र मुनि शास्त्रि ; संयोजक महोपाध्याय विनयसागर
प्राकृत भारती अकादमी , श्रीपारक गुरु जैन ग्रन्थालय 1991 1. संस्करण Prakrit Bharti series 76